राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ रुड़की द्वारा नवे गुरु तेग बहादुर जी का 400 व प्रकाश उत्सव नगर निगम हाल रुड़की में सरदार कमलजीत सिंह की अध्यक्षता में मनाया गया इस अवसर पर मुख्य वक्ता के रूप में श्रीमान पदम जी क्षेत्रीय प्रचार प्रमुख द्वारा कहा गया की गुरु तेग बहादुर द्वारा विश्व का सर्वोच्च बलिदान ,पद प्रतिष्ठा से दूर रहना ,योजना के तहत आत्म बलिदान, मीरी पीरी का शुरुआत ,समाज में फैली रूढ़ियों और कुरीतियों को समाप्त करना ,भारत भ्रमण कर धर्मार्थ धर्मशाला ,कुआ का निर्माण कराना ,तथा ना किसी को भय देंगे तथा ना ही किसी का भय स्वीकार करेंगे ,आत्मा अमर है ,इसे सिद्ध करने के लिए बिना किसी वेदना के गुरु जी ने बलिदान दिया उनकी वीरता साहस निडरता त्याग के कारण त्याग मलसे तेग बहादुर नाम रखा गया।श्री पदम द्वारा कहा गया की मुगल शासकों को गुरु परंपरा से भय था इसलिए मुगल इस को नष्ट करना चाहते थे किंतु आक्रमणों में विफल होने के कारण उन्होंने षड्यंत्र और अत्याचार का मार्ग अपनाया जिससे समाज आतंकित हो जाए और सत्ता विरुद्ध आवाज ना उठा सके। गुरु और शिष्यों के इन बलिदानों ने समाज में लोक चेतना ,जन जागरण ,आत्मविश्वास ,साहस, निडरताऔर जुर्म के खिलाफ खड़ा होने के लिए समाज को एक सूत्र में पिरोया ।उन्होंने कहा गुरु तेग बहादुर धर्म से ऊपर उठकर सिद्धांतों में विश्वास रखते थे तथा समाज में न्याय का शासन चाहते थे। इसलिए उनकी सेना में पेंदा खान, उस्मान खान जैसे बहादुर योद्धा उनकी ओर से लड़ते थे ।गुरु नानक देव जीके भारत भ्रमण के समय मर्दाना और बाला उनके साथ रहते थे ।औरंगजेब भारत में सांस्कृतिक शासन बढ़ाने के लिए पशु वर्ती के रूप में अत्याचार ,अनाचार ,और जबरन धर्म परिवर्तन कराने के लिए कृत संकल्प था। किंतु भारत की माटी में जन्मे वीर बलिदानी ,महापुरुषों ,संतो के समाज जागरण के कारण वह अपनी योजनाओं में सफल नहीं हो सका। गुरु परंपरा समाज में सामाजिक समरसता के लिए संगत और पंकज द्वारा समाज में एक संदेश देती है तथा धर्म की रक्षा के लिए सर्वस्व बलिदान करने के लिए प्रेरणा देती है।गुरुओं के संदेश आज भी समाज के लिए प्रेरणा के स्रोत हैं । और वह स्थान पवित्र है।उन्होंने कहा की नव्य गुरु के लिए बकाला में दर्जन डेरे अपने को नवा गुरु स्थापित करने के लिए जमे हुए थे किंतु तेग बहादुर जी उस परंपरा के उत्तराधिकारी होने के कारण भी गुरु पद के लिए अपना दावा प्रस्तुत नहीं कर रहे थे तथा भोरे में रहकर ध्यान,साधना और भक्ति में लीन थे मखन साह द्वारा एक घटना में गुरु को खोजते हुए आध्यात्मिक शक्ति के दर्शन कर नवे गुरु तेगबहादुर जी की घोषणा की
अध्यक्षीय उद्बोधन में सरदार कमलजीत सिंह सचिव गुरुद्वारा कल कल ही घर साहिब द्वारा कहा गया गुरु तेग बहादुर जी के जीवन की विभिन्न घटनाओं से हमें अपने पारिवारिक जीवन आध्यात्मिक सामाजिक सांस्कृतिक जीवन की प्रेरणा मिलती है
कार्यक्रम में विभाग संचालक रामेश्वर जी जिला संचालक परवीन नगर संघचालक जल सिंह जी अनुज जी राजकुमार सरदार अमरजीत सिंह सरदार नरेंद्र सिंह सरदार सुरेंद्र सिंह डॉक्टर हरविंदर सिंह श्री राजेंद्र सिंह खुल्लर सरदार कुलदीप सिंह सरदार गुरदीप सिंह सरदार बलवीर सिंह सरदार प्रितपाल सिंह सरदार कुलवंत सिंह सहित सैकड़ों व्यक्तियों ने कार्यक्रम में भाग लिया कार्यक्रम का संचालन विवेक कंबोज ने किया
संजय धीमान
नगर प्रचार प्रमुख रुड़की
7017355455