दिनांक 13 नवम्बर को स्थानीय होटल सेन्टर प्वाइंट मे वरिष्ठ नागरिक परिषद के तत्वावधान मे एक कवि सम्मेलन आयोजित किया गया जिसका संयोजन वरिष्ठ कवियत्री डा मधुराका सक्सेना ने किया ।इस समारोह की खासियत यह थी कि इसमे सभी कवि भी वरिष्ठ ही थे।कवियो ने एक से एक बढ़कर कविताए सुना कर भाव विभोर कर दिया।वरिष्ठ कवि खामोश जी ने अपने गाँव को याद करते हुए कहा–मेरे गाँव सखा कुछ गाँव की बात करो
पंकज गर्ग ने आज की पारिवारिक परिस्थित पर कहा–दौलत तो सबकी है,झगड़ा बेटो मे,पर बूढी माॅ किसकी है।
वरिष्ठ साहित्यकार रम शंकर जी ने पढा मिल रही है मुझे मेरी मंजिल, मगर मेरा बचपन मुझे याद आता है श्री सुरेन्द्र सैनी जी ने बुजुर्गो की मानसिक स्थिति और तनाव के बारे मे बात की,
सुबोध पुण्डीर सरित जी ने बुढापे मे युवा जोश बनाये रखने का पाठ पढ़ाया।डा अनिल शर्मा ने गजलो और गीतो से भरपूर प्यार पाया। डा मधुराका सक्सेना ने नयी सदी की विद्रुपताओ की बात करते हुए कहा कि पंख और पहियो पर भागती यह सदी है/नयी कथा नयी व्यथा,नयी तरह की बदी है।कवि सम्मेलन का संचालन डा मधु राका सक्सेना ने किया।इस अवसर पर परिषद के सदस्य भारी संख्या मे उपस्थित थे।