मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने रुड़की के रामनगर औद्योगिक क्षेत्र में प्रदेश की सबसे पहली रोटर ग्रुप ऑफ कंपनी (ड्रोन बनाने वाली कंपनी) का उद्घाटन किया। उन्होंने कहा कि राज्य के दुर्गम क्षेत्रों में ड्रोन तकनीक कारगर साबित होगी।साथ ही आपदा के समय दुर्गम क्षेत्रों में मेडिकल और अन्य सुविधाएं पहुंचाने के लिए उपयोगी है। रुड़की में प्रदेश की पहली ड्रोन कंपनी खुलने से युवाओं को रोजगार मिलेगा।शादी समारोह में जो युवा ड्रोन के जरिए फोटो और वीडियोग्राफी करते हैं। उन्हें ड्रोन रिसर्च एप्लीकेशन सेंटर के जरिए प्रशिक्षण दिया जाएगा ताकि भविष्य में आपदा के दौरान इनकी सेवाएं ली जा सकें। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ड्रोन टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में भारत को नंबर वन बनाना चाहते हैं। ड्रोन तकनीकी को बढ़ावा देने के लिए केंद्र सरकार की ओर कई प्रयास किए जा रहे हैं। आने वाले समय में ड्रोन से आम लोगों को भी बहुत लाभ मिलेगा।कंपनी के उद्घाटन कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने कहा कि ड्रोन टेक्नोलॉजी का महत्व आने वाले समय में और बढ़ेगा। राज्य सरकार अपने स्तर से ड्रोन तकनीक को लेकर सुविधाएं उपलब्ध करा रही है। आपदा क्षेत्र में फंसे लोगों को तलाशने में ड्रोन की अहम भूमिका होती है। साथ ही दुर्गम क्षेत्रों में ड्रोन के जरिए मेडिकल और अन्य सुविधाएं भी उपलब्ध कराई जा सकती हैं।
ड्रोन के जरिए आम लोग दुर्गम क्षेत्रों और कृषि के बारे में जानकारी उपलब्ध कर सकते हैं। ड्रोन कंपनी खुलने से प्रदेश के युवाओं को रोजगार के बेहतर अवसर मिलेंगे। इस दौरान विधायक प्रदीप बत्रा, आईआईटी निदेशक प्रो. एके चतुर्वेदी, पूर्व विधायक देशराज कर्णवाल, शोभाराम प्रजापति, सीए हेमंत अरोड़ा, आईआईटी प्रोफेसर डॉ. पीके जैन, सागर गोयल आदि मौजूद रहे।
150 करोड़ का निवेश कर सौ युवाओं को देंगे नौकरी
कंपनी के चेयरमैन साजिद मुख्तार ने कहा कि पीएम मोदी की स्वामित्व योजना के तहत देश के छह लाख 64 हजार गांवों का ड्रोन के जरिए मैप बनाया जा रहा है। इस योजना से प्रभावित होकर 32 देशों ने इसे अपने यहां लागू करने की इच्छा जताई है।उन्होंने बताया कि उनकी कंपनी ने योजना के तहत ड्रोन के जरिए सटीक डिजिटल मैपिंग की है। प्रदेश में इस योजना के तहत सबसे पहले हरिद्वार में मां गंगा की मैपिंग की गई। उन्होंने कहा कि हम मां गंगा को घर-घर पहुंचा सकते हैं और इसका पैसा लेकर सरकारी राजस्व को बढ़ा सकते हैं। साथ ही बताया कि प्रदेश में ड्रोन मैंपिग के जरिए 150 खंडहर हो चुके ऐतिहासिक मंदिरों का जीर्णोद्धार किया जा सकता है। वे प्रदेश में 150 करोड़ का निवेश करना चाहते हैं और अपनी कंपनी के जरिए प्रदेश के सौ युवा इंजीनियरों को नौकरी देंगे। इस दौरान कंपनी की ओर से किए गए कार्यों का एलईडी के जरिए थ्रीडी प्रस्तुतिकरण भी किया गया।