आज शिव शक्ति गौ सेवा धाम में उत्तराखंड गौ सेवा आयोग के अध्यक्ष राजेंद्र अंतवाल जी गो माता आरती करने पहुंचे उन्होंने कहा कि गाय का पूजन करके उनका संरक्षण करने से मनुष्य को पुण्य फल की प्राप्ति होती है। जिस घर में गौपालन किया जाता है उस घर के लोग संस्कारी और सुखी होते हैं। इसके अलावा जीवन-मरण से मोक्ष भी गौमाता ही दिलाती है। मरने से पहले गाय की पूंछ छूते हैं ताकि जीवन में किए गए पापों से मुक्ति मिले। पशु चिकित्सा अधिकारी रोशनाबाद डॉ राजीव जी ने कहा कि राजस्थान और उत्तर प्रदेश के बाद अब लिम्पी उत्तराखंड में भी प्रवेश कर चुकी है उन्होंने कहा कि सभी गो पा लकों को सावधान रहने की आवश्यकता है एवं साफ सफाई पर भी विशेष ध्यान देने की आवश्यकता है… गो पुत्र अश्वनी जी ने कहा कि गौमाता की महिमा अपरंपार है। मनुष्य अगर जीवन में गौमाता को स्थान देने का संकल्प कर ले तो वह संकट से बच सकता है। मनुष्य को चाहिए कि वह गाय को मंदिरों और घरों में स्थान दे, क्योंकि गौमाता मोक्ष दिलाती है। पुराणों में भी इसका उल्लेख मिलता है कि गाय की पूंछ छूने मात्र से मुक्ति का मार्ग खुल जाता है। गौशाला व्यवस्थापक शुद्ध नाथ महाराज जी ने बताया कि लोग दृश्य देवी की पूजा नहीं करते और अदृश्य देवता की तलाश में भटकते रहते हैं। उनको नहीं मालूम कि भविष्य में बड़ी समस्याओं का हल भी गाय से मिलने वाले उत्पादों से मिल सकता है।
आने वाले दिनों में संकट के समय गौमाता ही लोगों की रक्षा करेंगी गौशाला व्यवस्थापक अनुराग कृष्ण ने कहा कि भारत में वैदिक काल से ही गाय का महत्व माना जाता है। आरम्भ में आदान-प्रदान एवं विनिमय आदि के माध्यम के रूप में गाय का उपयोग होता था और मनुष्य की समृद्धि की गणना उसकी गौ संख्या से की जाती थी। गौ आरती में संदीप जद ली, सोनिया जद ली, सपना,नेहा,आरती निधि मौजूद रहे