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क्या आप जानते है शंख बजाने से आपको क्या क्या लाभ हो सकते है।

 

भारतीय परिवारों में और मंदिरो में में सुबह और शाम शंख बजाने का प्रचलन है। अगर आप रोजाना शंख बजाते है, तो इससे आपको काफी लाभ हो सकता है। इसके कुछ लाभ नीचे दिए जा रहे हैं।

1. रोजाना शंख बजाने से आप गुदाशय की मांसपेशियां मजबूत बनती हैं। शंख बजाना मूत्रमार्ग, मूत्राशय, निचले पेट, डायाफ्राम, छाती और गर्दन की मांसपेशियों के लिए काफी बेहतर साबित होता है। शंख बजाने से इन अंगों का व्यायाम हो जाता है।

2. शंख बजाने से श्वांस लेने की क्षमता में सुधार होता है। इससे आपकी थायरॉयड ग्रंथियों और स्वरयंत्र का व्यायाम होता है और बोलने से संबंधित किसी भी प्रकार की समस्याओं को ठीक करने में मदद मिलती है।

3. शंख बजाने से आपकी झुर्रियों की परेशानी भी कम हो सकती है। जब आप शंख बजाते हैं, तो आपके चेहरे की मांसपेशियां में खिंचाव आता है, जिससे झुर्रियां घटती हैं।

4. शंख में सौ प्रतिशत कैल्शियम होता है। रात को शंख में पानी भरकर रखें और सुबह उसे अपनी त्वचा पर मालिश करें। इससे त्वचा संबंधी रोग दूर हो जाएंगे।

5. शंख बजने से तनाव भी दूर हो जाते है, जो लोग ज्यादा तनाव में रहते हैं, उनको शंख जरुर बजाना चाहिए। क्योंकि शंख बजाते समय दिमाग से सारे विकार चले जाते है। शंख बजाने से घर के अंदर आने वाली नकारात्मक शक्तियां भी दूर रहती है। जिन घरों में शंख बताया जाता है, वहां कभी नकारात्मकता नहीं आती है।

6. शंख बजाने से आप दिल के दौरे से भी बच सकते है। नियमित रूप से शंख बजाने वाले को कभी हार्ट अटैक नहीं आती है। शंख बजाने से सारे ब्लॉकेज खुल जाते हैं। इसी तरह बार-बार सांस भरकर छोडऩे से फेंफड़े भी स्वस्थ्य रहते हैं। शंख बजाने से योग की तीन क्रियाएं एक साथ होती है – कुम्भक, रेचक, प्राणायाम।

7. शंख की आकृति और पृथ्वी की संरचना समान है नासा के अनुसार – शंख बजाने से खगोलीय ऊर्जा का उत्सर्जन होता है जो जीवाणु का नाश कर लोगो को ऊर्जा व् शक्ति का संचार करता है।

8. फेफड़ों के रोग करें खत्म : शंख बजाने से चेहरे, श्वसन प्रणाली, श्रवण तंत्र तथा फेफड़ों की बहुत बढिय़ा एक्सरसाइज होती है। जिन लोगों को सांस संबधी समस्याएं है, उन्हें शंख बजाने से छुटकारा मिल सकता है। हर रोज शंख बजाने वाले लोगों को गले और फेफड़ों के रोग नहीं होते। इससे स्मरण शक्ति भी बढ़ती है।

9. वैज्ञानिक मानते हैं कि शंख फूंकने से उसकी ध्वनि जहां तक जाती है, वहां तक के अनेक बीमारियों के कीटाणु ध्वनि-स्पंदन से मूर्छित हो जाते हैं या नष्ट हो जाते हैं। यदि रोज शंख बजाया जाए, तो वातावरण कीटाणुओं से मुक्त हो सकता है। बर्लिन विश्वविद्यालय ने शंखध्वनि पर अनुसंधान कर यह पाया कि इसकी तरंगें बैक्टीरिया तथा अन्य रोगाणुओं को नष्ट करने के लिए उत्तम व सस्ती औषधि हैं। रोजाना सुबह-शाम शंख बजाने से वायुमंडल कीटाणुओं से मुक्त हो जाता है। वैज्ञानिकों का कहना है कि सूर्य की किरणें ध्वनि की तरंगों में बाधक होती हैं। इसीलिए सुबह-शाम शंख बजाने की परंपरा है।

10. हड्डियों को मजबूत करे : शंख में कैल्शियम, गंधक और फास्फोरस काफी मात्रा में पाए जाते हैं। यह तत्व हड्डियों को मजबूत करने के लिए बहुत जरूरी होते हैं। इसलिए शंख में रखें पानी के सेवन करें। इससे दांतो को भी फायदा मिलता है।

शंख के औषधि-प्रयोग

अधोलिखित प्रत्येक रोग में 50 से 250 मि.ग्रा. शंखभस्म ले सकते हैं।

गूँगापन: गूँगे व्यक्ति के द्वारा प्रतिदिन 2-3 घंटे तक शंख बजवायें। एक बड़े शंख में 24 घंटे तक रखा हुआ पानी उसे प्रतिदिन पिलायें, छोटे शंखों की माला बनाकर उसके गले में पहनायें तथा 50 से 250 मि.ग्रा. शंखभस्म सुबह शाम शहद साथ चटायें। इससे गूँगापन दूर होता है। एक से 2 ग्राम आँवले के चूर्ण में 50 से 250 मि.ग्रा. शंखभस्म मिलाकर सुबह शाम गाय के घी के साथ देने से तुतलेपन में लाभ होता है।

बल-पुष्टि-वीर्यवर्धक: शंखभस्म को मलाई अथवा गाय के दूध के साथ लेने से बल-वीर्य में वृद्धि होती है।पाचन, भूख बढ़ाने हेतु: छोटी पीपर का 1 ग्राम चूर्ण एवं शंखभस्म सुबह शाम शहद के साथ भोजन के पूर्व लेने से पाचनशक्ति बढ़ती है एवं भूख खुलकर लगती है।श्वास-कास-जीर्णज्वर: 10 मि.ली. अदरक के रस के साथ शंखभस्म सुबह शाम लेने से उक्त रोगों में लाभ होता है। नागरबेल के पत्तों (पान) के साथ शंखभस्म लेने से खाँसी ठीक होती है।पेटदर्द: 5 ग्राम गाय के घी में 1.5 ग्राम भुनी हुई हींग एवं शंखभस्म लेने से उदरशूल मिटता है। नींबू के रस में मिश्री एवं शंखभस्म डालकर लेने से अजीर्ण दूर होता है। गरम पानी के साथ शंखभस्म देने से भोजन के बाद का पेटदर्द दूर होता है।आमातिसार: 1.5 ग्राम जायफल का चूर्ण, 1 ग्राम घी एवं शंखभस्म एक एक घण्टे के अंतर पर देने से मरीज को आराम होता है।प्लहा में वृद्धि: अच्छे पके हुए नींबू के 10 मि.ली. रस में शंखभस्म डालकर पीने से कछुए जैसी बढ़ी हुई प्लीहा भी पूर्ववत् होने लगती है।।

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सभी ग्रहों को शंख के प्रयोग से ऐसे करें मजबूत

हिंदू धर्म में शंख का विशेष महत्‍व बताया गया है। हर घर में शंख को पूजास्‍थल में रखना बहुत ही शुभ माना जाता है। शंख को भगवान विष्‍णु का प्रतीक माना जाता है। शंख का वास्‍तु में खास महत्‍व माना गया है। घर में शंख को रखने और रोजाना उसे बजाने से आपके घर में पॉजिटिव एनर्जी का संचार बढ़ता है। विज्ञान में शंख की ध्‍वनि को बेहद लाभदायी माना गया है। ऐसा माना जाता है कि रोजाना पूजा के बाद शंख को बजाने से आस-पास के बैक्‍टीरिया का नाश होता है और आपके गले का भी व्‍यायाम होता है। आज हम आपको बताने जा रहे हैं घर में शंख के कुछ मामूली से उपाय करके आप अपने ग्रहों को भी शांत कर सकते हैं। आइए जानते हैं क्‍या हैं ये उपाय…

2/7 सोमवार को शंख का उपाय

सोमवार का दिन शिवजी को प्रिय माना जाता है। सोमवार के दिन के लिए आज हम शिवजी की पूजा से जुड़ा प्रमुख उपाय बताने जा रहे हैं। सोमवार को शंख में दूध भरकर शिवजी को चढ़ाने से चंद्रमा मजबूत होता है और उसके अनुकूल फल आपको प्राप्‍त होते हैं। साथ भगवान शिव की कृपा भी प्राप्‍त होती है।

3/7 मंगलवार को शंख का उपाय

मंगलवार के दिन शंख का उपाय करने से मंगल के प्रभाव दूर होते हैं और आपको हनुमानजी की कृपा प्राप्‍त होती है। मंगलवार के दिन शंख बजाकर सुंदरकांड का पाठ करने से हमें मंगल ग्रह मजबूत होने के साथ ही हमें हनुमानजी की भी कृपा प्राप्‍त होती है।

4/7 बुधवार को शंख का उपाय

बुधवार को शंख का उपाय बुध ग्रह को प्रसन्‍न करने के लिए उपयोगी माना जाता है। बुधवार के दिन शालिग्रामजी का अभिषेक करने से उनकी कृपा प्राप्‍त होती है। इसके लिए शंख में जल और तुलसीजी डालकर अभिषेक करने से बुध ग्रह मजबूत होता है। बुध ग्रह के शुभ प्रभाव से जातकों को करियर के मामले में सफलता प्राप्‍त होती है। बुधवार का दिन गणेशजी को भी समर्पित होता है। घर में शंख की ध्‍वनि करने से गणपति भी प्रसन्‍न होते हैं।

5/7 शंख से गुरु की पूजा

गुरुवार को पूजा में शंख का प्रयोग करना सबसे उत्‍तम माना जाता है। गुरुवार के दिन भगवान विष्‍णु का शंख में जल भरकर जलाभिषेक करने से आपको भगवान विष्‍णु की भी कृपा प्राप्‍त होती है और साथ ही गुरु भी बलवान होता है। गुरुवार के दिन शंख का केसर से तिलक करके उसकी पूजा करनी चाहिए। ऐसा करने से आपको करियर में सफलता प्राप्‍त होती है।

6/7 शुक्रवार को शंख का उपाय

शंख मां लक्ष्‍मी को भी अतिप्रिय माना जाता है और शुक्रवार का दिन मां लक्ष्‍मी को ही समर्पित माना जाता है। मां लक्ष्‍मी की शाम के पूजा में शंख का प्रयोग करना श्रेष्‍ठ माना जाता है। इसके साथ ही शुक्रवार के दिन शंख को सफेद कपड़े में लपेटकर रखने से शुक्र ग्रह बलवान होता है।

7/7 सूर्यदेव को ऐसे करें प्रसन्‍न

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, शंख का प्रयोग करने से सूर्यदेव को भी प्रसन्‍न किया जा सकता है। रविवार के दिन सूर्य को अर्घ्य देने के लिए शंख में जल भरकर सूर्यदेव को चढ़ाएं। ऐसा करने से सूर्यदेव प्रसन्‍न होते हैं और आपको निरोगी काया प्राप्‍त 🙏🙏🙏 Pandit mangleshwar Prasad penuel bhomiya Colony Salempur Road Roorkee🙏🙏🙏 92 59 28 2342🙏🙏🙏

समर्थ भारत न्यूज़
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