उत्तराखंड को शहीदों के सपनो का राज्य कहा जाता है । शहीदों के सम्मान के लिए बड़ी बड़ी बातें कही जाती है । उत्तराखंड के लिए अपने प्राणों को न्योछावर कर देने वाले शहीदों का सम्मान सिर्फ 2 अक्टूबर रामपुर तिराहा कांड पर मात्र केवल अपनी राजनीति भुनाने के लिए किया जाता है । ऐसे ही राजनीतिक लोगो को वरिष्ठ पत्रकार उमेश कुमार ने विधायक बनते ही आईना दिखाने का बड़ा काम किया है । शहीदों की शहादत को सम्मान देने के लिए उमेश कुमार उत्तराखंड के ऐसे पहले नेता है जो विधायक बनते ही जनता सेवा में जाने से पहले सीधा रामपुर तिराहा शहीद स्मारक पहुँचे और शहीदों को हाथ जोड़कर नमन कर श्रद्धांजलि दी । उत्तराखंड के नेता जीत के बाद जहां अभी तक अपनी जीत का जश्न बना रहे है तो वही उमेश कुमार ने शहीद स्मारक से अपनी राजनीतिक शुरवात शहीद स्मारक पहुँचकर की है । उमेश कुमार ने कहा है कि उत्तराखंड राज्य इन शहीदों के बलिदान से ही बना है उन्हें कैसे भुलाया जा सकता है । हम इनके कर्जदार है । उन्होंने कहा कि उत्तराखंड राज्य निर्माण में अपने प्राण न्यौछावर करने वाले शहीदों का सम्मान अपने शरीर के खून की आख़री बून्द तक करूंगा।