रुड़की: मरीज की जान बचाने को ब्लड बैंक प्रभारी ने खुद रक्तदान किया। जिससे मरीज को समय रहते खून चढ़ाया जा सका, और मरीज की जान बच गई। सिविल अस्पताल रुड़की में सन्नो नाम की एक महिला भर्ती है।महिला के स्वजनों में भी किसी का ब्लड ग्रुप ए-पाजिटिव नहीं था। ए पाजिटिव ब्लड लाने के लिए स्वजनों को हरिद्वार, देहरादून या फिर किसी निजी ब्लड बैंक में जाना पड़ता। जबकि महिला को तुरंत ही ब्लड चढ़ाया जाना जरूरी था।महिला में खून की काफी कमी हो गई थी। जिससे महिला को खून चढ़ाया जाना बेहद जरूरी हो गया था। महिला के स्वजन खून लेने के लिए सिविल अस्पताल के ब्लड बैंक में पहुंचे, लेकिन यहां आकर पता चला कि ए पॉजिटिव ब्लड खत्म हो चुका है।ब्लड बैंक प्रभारी एवं पैथोलॉजिस्ट डॉ रजत सैनी को जब यह पता चला कि महिला को ए पॉजिटिव ब्लड की बेहद जरूरत है। और ब्लड बैंक में इस ग्रुप का खून नहीं है तो उन्होंने स्वयं ही ब्लड डोनेट करने का निर्णय लिया।इसके बाद उन्होंने ब्लड डोनेट किया। जिसके चलते महिला मरीज को समय रहते ब्लड चढ़ाया जा सका।मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डा संजय कंसल ने बताया कि इससे पूर्व भी ब्लड बैंक का स्टाफ भी इसी तरह से कई मरीजों को अपना खून देकर, उनकी जान बचा चुका है। जिस महिला को ब्लड बैंक प्रभारी ने अपना खून दिया है वह महिला अब ठीक है। हालांकि महिला अभी अस्पताल में ही भर्ती है।