South asian sanitation worker &labour network के तत्वाधान में आज दिनांक 1/5/2022 अंतर्राष्ट्रीय श्रमिक दिवस वाल्मीकि बस्ती सैनिक कालोनी में मनाया गया वह सम्मानित सफाई कामगारों महिला शक्ति को मेरी एवम ngo की और से सम्मानित किया गया मजदूर हे तो देश हे ,
,कोई भी देश बिना मजदूरों के विकसित नही हो सकता गतिशील नही बन सकता ,पैसे कमाने के साथ साथ मजदूर न्यायसंगत जीवन भी यापन करना चाहता है,,देश में आज भी मजदूरों की दशा में कोई सुधार नहीं आया हे दुनिया का कोई भी देश बिना मेहनतकश मजदूरों के बिना विकसित नही हो सकता प्रगति नहीं कर सकता ,,,,देश में कई प्रकार के ngo,समितियां ,संगठन ,यूनियन मजदूरों के उत्थान हेतु लड़ाई लड़ रहे हे ,,आज भी मजदूर तय वेतन से अलग सरकारी गैर सरकारी संस्थाओं की हतधर्मिता का शिकार हो रहा उच्चतम वेतन का वादा करके मजदूरों का शोषण चरम पर हे ,,फैक्ट्रियों में अलग अलग क्षेत्र में मजदूरों के साथ दिखा किया जा रहा हे अल्प वेतन में कार्य करा कर अपना इंक्रीमेंट बढ़ाया जा रहा हे ,,सत्ता रूढ़ी लोग वा भारत सरकार मजदूरों के विषय में सोचने को त्यार नही हजारों लाखों मजदूर पलायन को मजबूर हो रहे हे ,,भूख से गरीबी से मजबूर हो गए कलम छोड़ी,किताब छोड़ी तो मजदूर हो गए